वक़्त के तूफ़ान में सबकुछ बदल गया...
जो था मेरे पास, वो भी बिखर गया...
ये कोई शायरी नहीं मेरे आज की कहानी है ....
ये आने वाले कल की नहीं, मेरे दो पल में बिखरे हुए कल की कहानी है ..
ये हमारा नहीं हालात का कसूर था ....
वो बेवजह हम को कसूरवार समझते रहे, पर मैं बेकसूर था....
चाह कर भी वो हमें अब पास बुला न सकेंगी ...
हसरत भी होगी अगर उनको हमें पाने की
फिर भी वो अब हमें पा न सकेगी....
..................................................................................................................................................
No comments:
Post a Comment