Tuesday 2 August 2016

Kuchh Nahi isme...



Rah rah kar unhi ki yaad aati hai,
Kasam khuda ki jab bhi aati bavandar leke aati hai....

Ye aaliyan(ladkiya) bhi ajeeb hoti hai...
Guftgu me bhi lad jati hai..

Kabhi rulati hai to kabhi hasati hai....
Fir ekdam se dil tod jati hai....


Ye ladke bhi to hote hai crazzzzy ,
Pat jate hai itni jaldi...


Khud to latakte hai,
Aur baap ka naam dubate hai.....


Fir ye kahan aur wo kahan,
Saja-e-maut Maa-baap pate hai...

Thursday 21 July 2016

मुकेश जी के 93वीं जन्मदिवस का अवसर ...

मुकेश जैसे  पार्श्व गायक सदियों में एक बार  आते हैं ....

यह जगत उनका हमेशा क़र्ज़दार रहेगा.. 

उनकी गायकी में वो जादू है  कि  गुमराह को भी राह दिखा दे ... 
उनके न होने के बावजूद भी वो हमारे दिलों में अपनी आवाज़ के माध्यम से जिंदा है...
भला अमर होना इसे नहीं तो किसे कहते है ?
उनका एक गीत याद आता है.... जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ ..
जैसे गीत थोड़े ही शब्दों में जिन्दगी के मायने समझा देते है.... 








Tuesday 19 July 2016

माँ


बहुत ढूंढा की कहीं  सुकूं आ  जाये  ...
पर  मिला  कहां अपने  घर में ...
माँ के पास ...

कुछ भी कर ले ये दुनिया वाले
चाहे जितना अब जोर लगा ले
होंगे सबसे आगे हिन्दुस्तानी ....

Saturday 16 July 2016

यादों में वो आज भी ज़िन्दा है और कल भी होगी

वक़्त के तूफ़ान में सबकुछ बदल गया... 
जो था मेरे पास, वो भी बिखर गया...

ये कोई शायरी नहीं मेरे आज की कहानी है ....
ये आने वाले कल की नहीं, मेरे दो पल में बिखरे हुए कल की कहानी है ..

कुछ वो मजबूर थी  कुछ मैं मजबूर था ....
ये हमारा नहीं हालात का कसूर था ....
वो बेवजह हम को कसूरवार समझते रहे, पर मैं बेकसूर था....

चाह कर भी वो हमें अब पास बुला न सकेंगी ...
हसरत भी होगी अगर उनको  हमें पाने की
फिर भी वो अब हमें पा न सकेगी.... 
..................................................................................................................................................





Thursday 7 July 2016

My Latest Photo... SK

दुनिया में ऐसे भी लोग रहते है,

ख़ुद को भी सज़ा देते हैं,

 सज़ा उस गुनाह की होती है,  जो गुनाह वो नहीं करते हैं .....





Monday 6 June 2016

प्रश्न – देश के अन्य राज्यों में मुस्लिम अल्पसंख्यक है जबकि जम्मू कश्मीर में नहीं, क्यों ?

उत्तर- मूल संविधान में अल्पसंख्यक शब्द का कोई वजूद नहीं है पर सन 1957 में केरल शिक्षा विधेयक के सम्बन्ध में न्यायालय ने अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित करते हुए कहा कि जिस धर्म की जनसँख्या सम्बंधित राज्य में 50 प्रतिशत से कम है वे अल्पसंख्यक है | इसलिए देश के अन्य राज्यों में मुस्लिम अल्पसंख्यक है जबकि जम्मू कश्मीर में नहीं |

Tuesday 31 May 2016

Monday 30 May 2016

हालात के गुलाम मत बनो, साहसी का जीवन व्यतीत करो 
कोई नहीं है कायर यहाँ, बस ख़ुद के भीतर के डर को मारो ......








SK