Thursday 21 July 2016

मुकेश जी के 93वीं जन्मदिवस का अवसर ...

मुकेश जैसे  पार्श्व गायक सदियों में एक बार  आते हैं ....

यह जगत उनका हमेशा क़र्ज़दार रहेगा.. 

उनकी गायकी में वो जादू है  कि  गुमराह को भी राह दिखा दे ... 
उनके न होने के बावजूद भी वो हमारे दिलों में अपनी आवाज़ के माध्यम से जिंदा है...
भला अमर होना इसे नहीं तो किसे कहते है ?
उनका एक गीत याद आता है.... जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ ..
जैसे गीत थोड़े ही शब्दों में जिन्दगी के मायने समझा देते है.... 








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